Wednesday 8 March 2017

"नव वर्ष"

"नव वर्ष"

नव्'  वर्ष   का  आगमन
हुआ   शरद  के  संग...
स्वागत्'   में   था   खड़ा
ठंढ'   अति     प्रचंड .. ।

नव'  वर्ष...   मनाने  का
मन  में  था   ऐसा  उमंग 
हमसब  सोचें नए वर्ष में
बदलें  अपना   ढंग ....।

करें  व्यवस्थित खुद को
स्फुरित रहे अंग-प्रत्यंग ।

करें  नियामित'  खुद   को
लक्ष्य रहे हर पल् ज्वलंत ।

हो   चिंतन'   स्पष्ट    सदा
चलें  सतत्  निष्ठा'  के  संग ।

ऐसा   ही   सोचा   है..   हमने
नव् वर्ष मनाने का यह ढंग ।।

© रजनिश प्रियदर्शी
     20/12/2016

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